स्ट्रॉबेरी को गमले में उगाने के कई तरीके है जिनमे से कुछ बेहतरीन तरीके हम आपको बताएंगे, जिससे आपका गमला मिठास युक्त, ताजी और स्वादिष्ट स्ट्रॉबेरी से भर जाएगा। स्ट्रॉबेरी को बीज से गमले में कैसे उगाएं का प्रोसेस क्रमानुसार (step by step) तरीके से समझाया गया है। जिसकी मदद से आप बीज से लेकर फल आने तक अपने पौधों को ट्रैक (track) भी कर पाएंगे, की वो अभी फल देने की किस स्थिति में है।
कई लोगो को ऐसा लगता है कि स्ट्रॉबेरी केवल ठंडी जगह और खेत में ही उगाई जा सकती है। उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं होता कि वो अपने गमले, गार्डन (बगीचे), या टेरेस पर आसानी से उगा सकते है। स्ट्राबेरी को लगाने के लिए ठंडा मौसम अनुकूल होता है। भारत में स्ट्रॉबेरी को ठंडे मौसम में जैसे अक्टूबर से फरवरी महीने में उगाना चाहिए। स्ट्राबेरी के लिए 8°c से 28°c का तापमान अच्छा रहता है।
स्ट्राबेरी को कैसे खाते हैं और स्ट्राबेरी से बनने वाले खाद्य पदार्थ | How to eat strawberry, food that are made by strawberry
स्ट्राबेरी एक ऐसा फल है जिसको हम जल्दी और आसानी से खा सकते है। स्ट्रॉबेरी को खाने के लिए हमें अन्य फलो की तरह ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। स्ट्राबेरी को खाने के लिए इसे छिलना नही पड़ता। हम इसके फल को सीधे धो कर खा सकते है। स्ट्राबेरी के बीज इसकी सतह पर होते है और इनके बीजों को हम खा सकते है। हम दिन में 6 से 8 स्ट्रॉबेरी खा सकते है। बाजार में स्ट्रॉबेरी का प्रयोग विभिन प्रकार की खाने की चीजों में हो रहा है। जिनमे से कुछ निम्न है
- हम स्ट्राबेरी को डेजर्ट के रूप में एक कटोरे में स्लाइस के रूप में काटकर उसपर स्वादानुसार चाट मसाला डाल कर खा सकते है।
- स्ट्राबेरी को हम क्रीम या दही के साथ खा सकते है।
- स्ट्राबेरी को मिल्क शेक, स्मूदी, स्ट्राबेरी का जूस के रूप में इस्तेमाल कर सकते है।
- स्ट्राबेरी का उपयोग हम स्ट्राबेरी शेक, स्ट्राबेरी केक, स्ट्राबेरी जैम, डेजर्ट सजाने में, स्ट्राबेरी आइसक्रीम, स्ट्राबेरी पाई और अन्य पदार्थों में सजावट के रूप के लिए भी स्ट्राबेरी का इस्तेमाल किया जाता है।
1. स्ट्रॉबेरी लगाने का पहला तरीका (बीज द्वारा) | How to Grow strawberry from seeds
स्ट्रॉबेरी लगाने के इस तरीके में हम स्ट्रॉबेरी की ऊपरी सतह जिसपर बीज होते है उसे छील लेते है। इसके लिए ऐसी स्ट्राबेरी का चुनाव करना चाहिए जिसके बीज भूरे या हल्के काले रंग के हो और जो अच्छी तरह से पक गई हो। इसकी ऊपरी सतह को हमे तेजधार चाकू से छीलनी चाहिए और पूरी सावधानी रखनी चाहिए की चाकू हाथ और न लगे। ऊपरी सतह छीलने के बाद हमे उसे 3-4 दिन तक धूप में सूखने के लिए रख देते है। इसके आलावा आप किसी छोटी चिमटी (tweezer) से भी पकड़कर बीज निकाल सकते है।
छिलके सूखने के बाद हम हल्के हाथों से रगड़कर इसके छिलके से बीज को अलग कर लेते है। यदि हम छिलको को कागज पर सूखते है तो यह सूखकर कागज को जकड़ लेते है और इसके बीज आसानी से रगड़ने पर बाहर आ जाते है। इसके पर्याप्त बीज एक कटोरी में निकाल कर रख लेते है। स्ट्राबेरी के बीज अच्छी तरह से पौधे के रूप में आने में कम से कम 12 दिन और ज्यादा से ज्यादा 30-35 दिन का समय लेते है ।
स्ट्रॉबेरी के बीज लगाने के लिए मिट्टी अनुपात (मिश्रण) | Soil Mixture for Planting Strawberry seeds
Soil Mix (मिट्टी मिश्रण)- 50% कोकोपीट + 50% वर्मीकम्पोस्ट
अब बारी आती है इसके लिए उपयोग होने वाली मिट्टी और खाद की। इसकी मिट्टी का मिश्रण आसान है। इसमें हम 50% कोकोपीट (नारियल से प्राप्त भूसीनुमा पदार्थ) और 50% वर्मीकम्पोस्ट को मिला लेते है। अर्थात आधी मात्रा में कोकोपीट और आधी मात्रा में वर्मीकम्पोस्ट मिला लेते है। कोकोपीट को आप घर में भी आसानी से बना सकते है या आप इसे ऑनलाइन या बाजार से खरीद सकते है। वर्मीकम्पोस्ट ऑनलाइन (online) खरीदे-
स्ट्रॉबेरी का पौधा लगाने के लिए उपयुक्त गमले का साइज | Pot size for strawberry Plant
स्ट्राबेरी के पौधे को लगाने के लिए 8-12 इंच का गमला अच्छा रहता है। आप इन बीजों को बीज उगाने वाली प्लेट (seedling tray) में भी लगा कर उगा सकते है जिसके बड़ा होने के बाद इन्हे अलग अलग गमलों में लगा देना चाहिए। स्ट्राबेरी को गमले में लगाने के लिए आपको एक बात का जरूर ध्यान है जो है ड्रेन होल (Drainage hole)। गमले में उपयुक्त आकार के ड्रेन होल जरूर होने चाहिए, जिससे यदि कभी गमले में पानी ज्यादा हो जाता है तो Drain hole (ड्रेन होल) की सहायता से अनावश्यक पानी बाहर निकल जाता है। शुरुआत में ज्यादा (Extra) पानी हमारे बीजो को ख़राब कर सकता है। बीजों को उगाने के लिए आपको ऐसा गमला लेना है, जो थोड़ा चौड़ा हो, यदि उसमे ज्यादा गहराई न भी तो भी कोई समस्या नहीं है। गमले में पानी का छिड़काव कर दे। इसके बाद बीजों को गमले में फैला दे। इन बीजों पर थोड़ी सी लगभग 1.5cm मिक्स की गई मिट्टी की परत फैला दे, जिससे पानी देते समय बीज अपनी जगह से न फैले। स्ट्राबेरी के बीजों में 50% या आधे बीज ही पौधे बनकर तैयार होते है।
कुछ ही दिनों में ये बीज उगने शुरू हो जाते है। लगभग 18-20 दिनों में इनमे अंकुरित होने के बाद पत्तियां आने लगती है। जब इनकी फुटिंग आ जाती है और इनका क्राउन (जड़ का ऊपरी हिस्सा) उपर्युक्त रूप से विकसित हो जाता है। तब इनके पौधों को अलग कर लेते है, और अलग-अलग करके दुसरे गमलों में उगाते (ग्रो) है। अब ये छोटे पौधे के रूप में तैयार हो चुके होते है जिसके बाद की प्रक्रिया क्रमांक 3 में बताई गई है।
2.) नग्न जड़ों द्वारा पौधों को उगाना | Grow strawberry plant from Bare rooted plant in hindi
स्ट्राबेरी के पौधे उगाने का ये काफी सरल तरीका है। इसमें आपको ऐसा पौधा लेना होता है जिसकी जड़े आ चुकी है। इन पौधों को आप अपने पास की नर्सरी या ऑनलाइन भी ऑर्डर करके मांगा सकते है। ऑनलाइन ऑर्डर करके मंगाते समय आपको पौधे के आने का समय (Delivery time) का ध्यान देना है। कुछ ऑनलाइन स्टोर पर डिलीवरी टाइम 2-3 दिन भी होता है। यदि आपका पौधा अच्छी स्थिति में है तो 70-80% उम्मीद होती है की पौधा अच्छी स्थिति में उग जायेगा। इस तरीके में हमे पौधे की जड़ से मतलब होता है क्योंकि वही है जो उसे अच्छी तरह से उगने ग्रो के लिए जिम्मेदार होती है। यदि पौधे की कुछ पत्तियां खराब है तो उन्हें तोड़कर अलग कर लेना चाहिए। पौधे को गमले में लगाने से पहले उसकी नग्न जड़ों पर पानी का छिड़काव कर देना चाहिए। इसके बाद मिट्टी (Soil) का अनुपात-
Soil Mix (मिट्टी मिश्रण)- 70% साधारण मिट्टी+ 20% वर्मीकंपोस्ट (vermicompost)+ 10% कोकोपीट पाउडर
इसके लिए मिट्टी में 70% साधारण मिट्टी, 20% वर्मीकंपोस्ट vermicompost, 10% कोकोपीट पाउडर इस्तेमाल किया जाता है। इन सभी को किसी बड़े बर्तन में अच्छी तरह से मिला (mix) kar लेना चाहिए। इसके पश्चात इन पौधों को नए गमलों में लगा देना चाहिए और पौधे को ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहा इसे 1-2 घंटे की धूप मिले, क्योंकि स्ट्रॉबेरी ठंडे स्थान पर रहने वाला प्लांट है। आप देखेंगे की धीरे-धीरे स्ट्राबेरी का पौधा उगने ग्रो करने लगता है।
3.) बाजार से स्ट्रॉबेरी का पौधा खरीद कर लाना | Buying strawberry plant from the Market
यह स्ट्रॉबेरी उगाने का सबसे सरल लेकिन महंगा तरीका है। अन्य विधियों की अपेक्षा इस विधि में सबसे ज्यादा उम्मीद होती है की आपका पौधा खराब नही होगा और अच्छी तरह से उगेगा। इस विधि में आपको बाजार से स्ट्रॉबेरी का पौधा खरीद का लाना होता है और अच्छी तरह से इसकी देख-रेख करके उसको ग्रो किया जाता है। सीधे पौधे से स्ट्रॉबेरी उगाने के तरीके में पेड़ो का चुनाव सबसे जरूरी होता है। नर्सरी से पौधे ऐसे चुनने चाहिए, जिनकी पत्तियां गहरी हरी स्वस्थ व चौड़ी हो। और जिन पौधों का क्राउन घना और मोटा हो। ऐसे पौधों अच्छी मात्रा में स्ट्राबेरी के फल देते है। और आपका पेड़ स्ट्रॉबेरी से भरा रहता है। नवंबर महीने की शुरुआत में ही स्ट्राबेरी के पौधे नर्सरी में देखने को मिलने लगते है। गमले (Pot) साइज लगभग 8-10 इंच होना चाहिए। जिसके नीचे अच्छी तरह से ड्रेन होल यानी एक्स्ट्रा पानी निकलने के लिए छेद दिए गए हो।
Soil Mix (मिट्टी मिश्रण)- 60% साधारण मिट्टी+ 20% रेत + 20% वर्मीकंपोस्ट (vermicompost)
60% साधारण मिट्टी, 20% रेत, 20% वर्मीकंपोस्ट (vermicompost) लेते है। इनको एक साथ अच्छी तरह से मिक्स कर लेना चाहिए। अब गमले में इस मिश्रित मिट्टी (soil mix) को भरे। ज्यादातर पौधों को हम गमले में नीचे की तरफ लगाते है लेकिन स्ट्राबेरी के पौधे को हमे गमले में ऊपर की तरफ लगाना चाहिए। पौधे का क्राउन मिट्टी के सर्फेस से ऊपर होना चाहिए। यदि हम स्ट्रॉबेरी के पौधे को नीचे की तरफ लगा देंगे तो उसका जड़ का हिस्सा नीचे पानी में सड़ सकता है और प्लांट पौधा खराब हो जाता है। लाए गए पौधे को गमले में लगाने के बाद उसमे थोड़ा पानी का छिड़काव कर दे और गमले को ऐसे जगह रखे जहा उसे केवल 2-3 घंटे की धूप मिले। लगभग 45-50 दिन में पौधे में फूल आना शुरू हो जाते हैं। स्ट्राबेरी के परिपक्व पौधों को 5-7 घंटे की डायरेक्ट सनलाइट चाहिए होती है और 8-24°c तापमान पौधों के लिए आदर्श माना जाते है।
स्ट्रॉबेरी की देखभाल कैसे करे व सावधानियाँ | Precautions used in planting strawberries in Hindi
- जब पौधे में स्ट्रॉबेरी के फल लगना शुरू होते है तो स्ट्रॉबेरी के भारी होने की वजह से पौधा लटक जाता है और स्ट्रॉबेरी गमले की मिट्टी को छूने लगती है। अगर स्ट्रॉबेरी का फल मिट्टी को छूने लगता है तो इसमें फंगस लगने का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए हमे इसके फल के नीचे पॉलीथिन की परत लगा देनी चाहिए।
- स्ट्राबेरी के फलों को चटक लाल होने पर ही तोड़ लेना चाहिए। इन्हे जरूरत से ज्यादा समय तक पौधे में लगे नही छोड़ना चाहिए।
- फलों के आने के 40-50 दिनों के बाद वर्मीकंपोस्ट (फर्टिलाइजर) देना चाहिए। जिससे इसकी पौधे की उर्वरता बनी रहती है।
- गमलों में ड्रेन होल जरूर होना चाहिए। यदि आपके गमले में ड्रेन होल का साइज कुछ बड़ा है तो उसपर जाली रखकर गमले में मिट्टी भरे जिससे मिट्टी न निकल सके। और अगर पानी ज्यादा हो जाए तो होल (छेद) से आसानी से निकल जाए।
- हर 18-20 दिन के बाद पौधों में फर्टिलाइजर जरूर देना चाहिए।
स्ट्राबेरी को खाने से फायदे | Benefits of Eating strawberry
स्ट्राबेरी एक पोषणयुक्त स्वादिष्ट फल है। इसका स्वाद हल्का खट्टा और मीठा होता है। अपने स्वाद के साथ-साथ स्ट्राबेरी शरीर के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। स्ट्राबेरी हमारी इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है। स्ट्रॉबेरी विटामिन C, मैंगनीज़, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फोलिक एसिड, और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है। विटामिन C शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) को मजबूत करता है। हम दिन में 6-8 स्ट्राबेरी खा सकते है।
स्ट्रॉबेरी हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है और हृदय संबंधित बीमारियों जैसे हृदय ब्लॉकेज, उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) के रिस्क को कम करती है। यदि हम बहुत अधिक मात्रा में स्ट्राबेरी खा लेते है तो पेट में गैस, दस्त, मासपेशियों में कमजोरी जैसे समस्या हो सकती है।
- शारीरिक स्वास्थ्य में- स्ट्राबेरी में विटामिन C, मैग्नीशियम, पोटैशियम, और फोलेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। स्ट्राबेरी में प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। इन्हें खाने से आपके शरीर को जरुरी पोषक तत्वों की पूर्ति होती है जो शरीर के खिलाफ कई बीमारियों के खिलाफ लड़ने में मदद मिलती है। स्ट्राबेरी विटामिन की कमी को पूरा करती है और आंख की रोशनी और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होती है।
100 ग्राम (Gram) स्ट्रॉबेरी में-- कैलोरी : 32
- पानी : 91%
- प्रोटीन : 0.7 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट : 7.7 ग्राम
- चीनी : 4.9 ग्राम
- फ़ाइबर : 2 ग्राम
- वसा : 0.3 ग्राम
- त्वचा के स्वास्थ्य में- स्ट्रॉबेरी में विटामिन C मौजूद होता है। त्वचा के स्वास्थ्य में उत्पादन विटामिन C की उचित मात्रा से त्वचा स्वस्थ, आकर्षक और युवा बनाये रखता है। विटामिन C एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidants) है जो मुक्त रेडिकल्स के खिलाफ लड़ता है और धूप और प्रदूषण के कारण होने वाले क्षति से रक्षा करता है। कोलेजन एक प्रोटीन होता है जो त्वचा, हड्डियाँ, बाल, नाखून, की स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए होता है।
- वजन घटाने मे- स्ट्रॉबेरी में भरपूर मात्रा में पानी होता है, जब कभी भूख लगने पर आप स्ट्रॉबेरी को खाते है तो यह आपको पेट भरे होने का एहसास कराती है और भूख को शांत कर देती है। शरीर में भोजन की कम मात्रा पहुँचती है, जिसके कारण वजन में कमी आती है। स्ट्रॉबेरी में अधिक मात्रा में फाइबर तथा बहुत काम मात्रा में कैलोरी पायी जाती है 100 ग्राम स्ट्रॉबेरी में केवल 32 कैलोरी होती है।
100 ग्राम (Gram) स्ट्रॉबेरी = 32 Calories - हृदय स्वास्थ्य सम्बन्ध मे- स्ट्राबेरी में मौजूद एंथोसियानिन्स (Anthocyanins) हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। एंथोसियानिन्स शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट्स (Antioxidants) होते हैं। एंथोसियानिन्स कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं। और शरीर की हृदय स्वास्थ्य को सुधारते हैं। इसके सेवन से हृदय संबंधित रोगों जैसे हृदय ब्लॉकेज, उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) की संभावना को कम किया जा सकता है। इसी कारण से डॉक्टर्स भी हृदय को स्ट्रॉबेरी खाने की सलाह है।
- दिमागी तनाव दूर करने में- स्ट्रॉबेरी का हल्का खट्टा और मीठा स्वाद आनंद का अनुभव कराने के साथ-साथ मस्तिष्क के तनाव को भी कम करता है। स्ट्रॉबेरी में विटामिन C की अच्छी मात्रा होती है। विटामिन C प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट होता है जो शरीर को तनाव से निपटने में मदद करता है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर आपका मन शांत होता है और स्ट्रेस कम होता है।
- पाचन शक्ति सुदृढ़ करने में- स्ट्राबेरी में उपस्थित फाइबर के मात्रा मधुमेह, कब्ज और गैस जैसी समस्याओं को खत्म करने में सहायता करती है। स्ट्राबेरी आंत में होने वाले इन्फेक्शन की संभावना को कम करता है तथा पाचन शक्ति को मजबूत करता है।
- इम्यूनिटी बढ़ाने में- स्ट्राबेरी में प्रोबायोटिक्स होते है जो पाचन क्षमता को मजबूत करके इम्यूनिटी को बढ़ाती है। इम्यूनिटी मजबूत होने से अन्य रोग जैसे खासी, जुकाम, सिर दर्द जैसे रोग जल्दी नहीं होते है और स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।
- अन्य फायदे- इसमें अलावा भी स्ट्राबेरी बहुत तरीको से फायदेमंद होती है। जिसके कारण स्ट्राबेरी का प्रयोग कॉस्मेटिक क्रीम व अन्य मेकअप के समान बनाने में भी हो रहा है। इसमें उपस्थित पोटेशियम की मात्रा आंखो को स्वस्थ बनाए रखती है और स्ट्राबेरी आस्टियोपोरोसिस की संभावना को भी कम करती है। यह बालो को झड़ने, हड्डियों एवं दांतो को मजबूत करने में मदद करती है।
अतः स्ट्राबेरी को बीज से उगाना एक आनंददायक कार्य है जो आपको स्वादिष्ट और ताजी स्ट्राबेरी भी प्रदान करता है। एक बार स्ट्राबेरी का पौधा लगाने के बाद आपको केवल धैर्य और इसके देखभाल की जरूरत होती है। किसी भी पौधे को उगाना प्रकृति और पर्यावरण के लिए बेहतरीन कार्य है। जो आपके मन को संतुष्टि प्रदान करता है और ये अच्छे पर्यावरण के प्रति आपकी जिम्मेदारी साबित करता है।
इस आर्टिकल में आपको बीज से लेकर स्ट्राबेरी के फल आने तक की सत्यापित जानकारी अच्छी तरीके से बताई गई है। यदि आपके पास कोई प्रश्न है तो आप कॉमेंट बॉक्स (comment Box) में जरूर पूछे।
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