टमाटर घर पर कैसे उगाएं, बेहतरीन तरीके से जाने क्रमानुसार 2024 में

टमाटर एक ऐसा फल है जो लगभग हर सब्जियों में डाला जाता है। यह सब्जी के स्वाद को और बढ़ा देता है। इस आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि टमाटर घर पर कैसे उगाएं। इस आर्टिकल में टमाटर के पौधे को बीज से लगाने से लेकर उसको तोड़ने (Harvest) तक की पूरी प्रक्रिया को क्रमानुसार (step by step) तरीके से बताया गया है।

अतः इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें, यदि आप इसमें बताएगा हर कार्य को क्रमानुसार करेंगे तो आपका गमला, गार्डन, छत, जिस स्थान पर आपने पौधा लगाया होगा वह टमाटर से भर जाएगा।

टमाटर के पौधे का चित्र
टमाटर के पौधे का चित्र


टमाटर के पौधे के हम घर, गमले, बगीचे, छत इत्यादि सभी जगह पर आसानी से उगा सकते हैं। टमाटर के पौधे को उगाने में ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। इन दिनों टमाटर का रेट भी काफी महंगा चल रहा है। इसलिए हम घर में टमाटर का पौधा उगा कर ताजा और स्वादिष्ट टमाटर खा सकते हैं।

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टमाटर घर पर कैसे उगाएं? | How to Grow Tomatoes at Home?

टमाटर को उगाने के कई तरीके हैं लेकिन उन तरीकों से इनके पौधों में अच्छी तरीके से फल नहीं पाते हैं। इस आर्टिकल में टमाटर उगाने के दो बेहतरीन तरीके बताए गए है। इन दो तरीकों में से यदि आप कोई तरीका इस्तेमाल करते हैं तो आपका पौधों में अच्छी मात्रा में स्वस्थ टमाटरों की पैदावार होगी। टमाटर को लगाने के तरीके-

टमाटर घर पर कैसे उगाएं
टमाटर घर पर उगाएं
  1. बीज से टमाटर का पौधा उगाना
  2. फल द्वारा टमाटर का पौधा उगाना

टमाटर को लगाने का एक तरीके में हम बाजार या नर्सरी से टमाटर के बीज को लाकर अपने घर, कमरों में या बगीचे अन्य स्थान पर लगा सकते हैं। तथा इसके दूसरे तरीके में टमाटर के फल द्वारा टमाटर का पौधा उगाया जाता है।

इन दोनों तरीकों में नर्सरी या बाजार से लाए गए बीजों द्वारा लगे टमाटर का पौधा अच्छी तरह से और ज्यादा फल देता है। टमाटर के बीज खरीदते समय हमे एक प्रतिष्ठित दुकान तथा अच्छी गुणवत्ता (Quality) के बीजों का चुनाव करना चाहिए। घर में उपलब्ध टमाटर के सहायता से टमाटर का पौधा उगाने के लिए हमें उपलब्ध टमाटर को कई पीसो में काट लेना चाहिए। उपलब्ध टमाटर को काटने पर उसमे कुछ छोटे-छोटे सफेद बीज दिखाई पड़ेंगे।

दोनो ही तरीको में इनके प्राप्त बीजों को गमले या बगीचे की मिट्टी में डाल कर उस पर 1/2 से 1 इंच मोटी मिट्टी की परत डाल देनी चाहिए और उसके बाद पानी का छिड़काव जरूर करना चाहिए। पानी केवल छिड़काव के रूप में डाला जाना चाहिए। अत्याधिक पानी गमले में नहीं डालना चाहिए।

अत्यधिक पानी निकालने के लिए गमले में ड्रेन होल या ड्रेनेज वॉटर होल अवश्य होने चाहिए। ड्रेन होल की सहायता से अनावश्यक पानी गमले से बाहर निकल जाता है। यदि गमलों में ड्रेन होल अत्यधिक बड़े हैं तो उन पर कपड़ा रखकर गमले में मिट्टी को भरा जाना चाहिए।

टमाटर के पौधे उगाने का सीजन (मौसम)

टमाटर साल में कई बार उगाया जा सकता है इसके कई सीजन होते हैं। इसको उगाने का सीजन फरवरी तथा मार्च के महीने में होता है। इसके अलावा टमाटर का दूसरा मौसम सितंबर महीने के पास आता है। टमाटर के पौधों को को सर्दियां आने के पहले भी उगा सकते हैं।

टमाटर का पौधा उगाने के लिए मिट्टी का अनुपात

50% साधारण मिट्टी + 30% खाद + 10% कोकोपीट + 10% रेत

टमाटर के पौधों को उगाने में सबसे विशेष चीज इसकी मिट्टी होती है। इसकी मिट्टी का मिश्रण हमें सही अनुपात में लेना चाहिए। टमाटर के पौधे लगाने की मिट्टी के मिश्रण में 50% साधारण मिट्टी लेने हैं तथा 30% खाद जैसे वर्मीकंपोस्ट, गोबर की खाद या पत्तियों की खाद (Leaf compost) ले सकते हैं।

इसमें 10% कोकोपीट तथा 10% रेत जो भवन निर्माण में उपयोग में लाई जाती है उसको मिलाना चाहिए। इस प्रकार किस प्रकार तैयार की गई मिट्टी टमाटर के पौधों के लिए उत्तम या सर्वश्रेष्ठ होती है। इसके बाद इसमें 100 ग्राम लकड़ी की राख डाल सकते हैं। लकड़ी की राख डालने से पौधे में कीड़े लगने का खतरा कम रहता है।

ज्यादातर लोग सही जानकारी ने होने के कारण फलों के पौधे उगाने में सफल नहीं हो पाते है। स्ट्राबेरी, ड्रैगन फ्रूट जैसे फलों को गमले में उगा कर स्वादिष्ट फलों का आनंद लिया जा सकता है।

टमाटर के पौधों के लिए गमले का साइज व प्रकार

टमाटर के पौधे को बड़ों गमलों में लगाना चाहिए। यदि आप टमाटर के पौधों को गमलों में लगाने जा रहे हैं तो 10 से 15 इंच का गमला टमाटर के पौधों के लिए उपयुक्त रहता है। सीमेंट के बने गमले टमाटर के पौधों के लिए सबसे अच्छे होते हैं। इसके अलावा इन्हें ग्रो बैग, सिरेमिक गमले, प्लास्टिक के गमले या बाल्टी में भी लगाया जा सकता है।

टमाटर के पौधों के लिए गमले का साइज
टमाटर के पौधे का चित्र

टमाटर के बीजों को लगाते समय बीजों के बीच में 2-3 इंच दूरी जरूर रखे। ऐसा करने पर इनकी जड़े आपस में नही टकराती है। इसके बाद इन बीजों पर मिट्टी की पतली लगभग 1 इंच परत डाल देनी चाहिए। इससे कोई पक्षी चिड़िया, कौवा आदि बीज को नही खा पाएंगे।

टमाटर के बीजों को उगाने में लगने वाला समय

टमाटर के बीजों को अंकुरित (Germinate) होने में ज्यादा समय नहीं लगता है। 4-5 दिनों में टमाटर के बीज अंकुरित हो जाते है। यदि आपने इन बीजों को बीज लगाने की ट्रे (Seed Ling Tray) में लगाया है तो इनको इनके अंकुरित होने बाद इनके छोटे पौधों को बड़े गमले 10-15 इंच के में ट्रांसफर कर सकते है। टमाटर के बीजों को पौधे बनने में ज्यादा समय नहीं लगता है। अंकुरित हुए बीज 20-25 दिनों में अच्छे आकार के पौधे के रूप में तैयार हो जाते है।

टमाटर के पौधे को सहारा देना | Support Tomato Plants

टमाटर के पौधे बड़े होने के बाद इनकी टहनियों और तनों को सहारा देने की आवश्यकता पड़ती है। टमाटर के पौधे के को सहारा देने के लिए आप इसका स्टैंड सहारा देने के लिए आप लकड़ी की छड़ों का या बाजार से या ऑनलाइन स्टैंड खरीद सकते हैं। इसकी मदद से टमाटर का पौधा ऊपर की ओर बड़ा होगा। यदि आप इनके पौधों को सहारा ना दे तो यह नीचे की और लटक जायेंगे।

टमाटर के पौधों की देखभाल | टमाटर के पौधों के रोग और कीटनाशक

टमाटर के पौधे जल्दी तथा आसानी से उगाए जा सकते हैं, लेकिन इनका रखरखाव करना एक मुश्किल कार्य होता है। इनका कीट मकोड़ो, कीड़ों, दीमक, फंगस इत्यादि से बचाव करने के लिए हमें इनके पौधों पर नीम तेल तथा बेकिंग सोडा का छिड़काव जरूर करे। जब टमाटर के पौधे 20-25 दिन के हो जाए तब इनके पौधों पर नीम तेल तथा बेकिंग सोडा का छिड़काव की शुरुआत करनी चाहिए।

10 लीटर पानी में 2 चम्मच नीम तेल, 2 चम्मच बेकिंग सोडा, 2 चम्मच शैंपू या साबुन के मिश्रण का इस्तेमाल करना चाहिए। जब पौधों में फूल आने शुरू हो जाए तो इनमे प्रत्येक सप्ताह में एक बार खाद ( वर्मीकंपोस्ट, गोबर खाद, हरी खाद इत्यादि) अवश्य इस्तेमाल करनी चाहिए।

टमाटर के पौधे को उगाने में सावधानियाँ | Precautions used in planting strawberries

यदि आपके टमाटर के पौधों में फल नहीं लग रहे है या इसमें टमाटर लगने के बाद वह खराब हो जा रहे है। वह लोग जो गार्डेनिंग के क्षेत्र में नए है उन्हे ये सावधानियां नही मालूम रहती है। जिस कारण उनके पौधो में अच्छी तरह से फल नहीं उग पाते है। तो इस दशा में आपको कुछ सावधानियां करना बेहद जरूरी है। जो निम्न प्रकार है-

टमाटर के पौधे को उगाने में सावधानियाँ
टमाटर के पौधे को उगाने में सावधानियाँ
  • अच्छे किस्म के बीज- जितने अच्छी गुणवत्ता के टमाटर के बीज होंगे इसका पौधा उतना ही अच्छा और ज्यादा फल देने वाला होगा। कई लोग घर में आये टमाटर के फलों से ही टमाटर उगा लेते है। ऐसी स्थिति में इनके पेड़ तो उग जाते है लेकिन इनमे फल अच्छी तरह से नहीं लगते है। अतः बीजों को अच्छी दुकान, बीज भंडार से खरीदना चाहिए।
  • पौधे लगाने की गहराई- अंकुरित होने के पश्चात टमाटर के पौधे का 60% हिस्सा मिट्टी में तथा 40% हिस्सा बाहर होना चाहिए। टमाटर के पौधे को गहराई में ही लगाना चाहिए।
  • धूप में रखने का समय- टमाटर के पौधो को 6 से 8 घंटे धूप में रखना चाहिए। टमाटर के पौधे धूप में अच्छी तरह से फल उगते है। इसलिए इन्हे खुली धूप में रखना आवश्यक होता है। इसके साथ ही इन्हे समय समय पानी जरूर देते रहना चाहिए।
  • टमाटर के पौधे को सहारा देना- इसके पौधो को सहारा देना बहुत जरूरी कार्य है। इसके लिए पौधे के तने में लकड़ी या लोहे के स्टैंड से सहारा देना चाहिए। पौधो को सहारा देने के लिए स्टैंड आप स्वयं बना सकते है या इसे ऑनलाइन भी खरीद सकते है।
  • व्यर्थ शाखाएं हटाना- जब टमाटर का पौधा बड़ा होता है तो इसमें कुछ फालतू शाखाएं भी साथ साथ उग जाती है, जिसकी ग्रोथ के लिए पौधे को काफी कार्य करना पड़ता है। और इन शाखाओं में फल भी नही लगे होते है। ऐसी शाखाओं को तोड़ कर अलग कर देना चाहिए। यदि कुछ पत्ते या टहनी खराब हो रही है तो इनको छटाई कर देनी चाहिए।
  • खाद का प्रयोग- पौधो के बड़े होने के पश्चात हर 15 से 20 दिन में खाद (वर्मीकंपोस्ट, गोबर खाद, हरी खाद, अन्य प्राकृतिक खाद) जरूर इस्तेमाल करनी चाहिए।
  • पौधो के बीच दूरी- यदि आप टमाटर का पौधा गमले में लगा रहे है तो एक गमले में एक पौधा ही लगाना चाहिए। यदि आप बगीचे या छत पर पौधा उगा रहे है तो प्रत्येक पौधो के बीच में 2-3 फीट की दूरी रखनी चाहिए।
  • रोगों से बचाव- टमाटर के पौधो को कीटाणु, कीट मकोड़ो, दीमक, रोगों इत्यादि से बचाने के लिए समय-समय पर प्याज का पानी, जैविक कीटनाशक, नीम तेल तथा बेकिंग सोडा का छिड़काव करना चाहिए।
  • पौधो में पानी की मात्रा- पौधो को लगाने के बाद इसमें पानी के प्रबंधन का ध्यान रखना चाहिए। इनके पौधो को ज्यादा पानी देने से बचाना चाहिए, अत्यधिक पानी देने से इनकी जड़े कमजोर हो जाती है। जब टमाटर के पौधों में फल लग रहे है तो इनमे पानी थोड़ा कम देना चाहिए।

टमाटर खाने के फायदे | Benefits of Eating Tomato

टमाटर स्वाद में हल्का खट्टापन के साथ स्वादिष्ट फल है। इसका अंदरूनी भाग मुलायम तथा रस से भरा होता है। टमाटर पोषक तत्वों से युक्त फल है। इसमें कई प्रकार के विटामिन, फोलेट, पोटेशियम, तथा फाइबर पाए जाते है। टमाटर में विभिन्न प्रकार के विटामिन (विटामिन A, विटामिन C, विटामिन K), पोटेशियम, फास्फोरस, तांबा, मैग्नीशियम तथा कुछ मात्रा में नियासिन जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते है। जो शरीर को मजबूत बनाने में सहायता करते है। टमाटर खाने के फायदे निम्न प्रकार है-

शारीरिक स्वास्थ्य में

टमाटर उच्च फाइबर युक्त फल होता है जो कब्ज की समस्या को दूर करके पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। जिससे शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है। टमाटर में उपस्थित विटामिन A, विटामिन B6 और फोलिक एसिड भी होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखते है और बीमारियों के खतरे को कम करते है।
100 ग्राम टमाटर में पाए जाने वाले पोषक तत्व-

कैलोरी18
प्रोटीन0.9 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट3.9 ग्राम
चीनी2.6 ग्राम
फाइबर1.2 ग्राम
वसा0.2 ग्राम
जल95%
100 ग्राम टमाटर में पोषक तत्व


ह्रदय स्वास्थ्य में

टमाटर में शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट लाइकोपीन पाया जाता है। यह एंटीऑक्सिडेंट रक्तचाप (Blood Pressure) को नियंत्रित करके ह्रदय रोगों का खतरा कम करता है।

हड्डियों की मजबूती में

टमाटर में पाये जाने वाले विटामिन K और कैल्शियम हड्डियों को मजबूती प्रदान करते है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी से बचाव करता है। ऑस्टियोपोरोसिस रोग में शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती है। और नई हड्डी का निर्माण पुरानी हड्डी को हटाने के साथ नहीं होता है। जिससे इनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है।

वजन नियंत्रण में

टमाटर में भरपूर मात्रा में पानी होता है। इसके अंतर 95% तक पानी पाया जाता है। यदि हम कच्चा टमाटर खाते है तो हमारे शरीर में पानी की अधिक मात्रा पहुंचती है जो हमारी भूख को शांत कर देती है। जिसके द्वारा हम अतिरिक्त कैलोरी खाने से बच जाते है। टमाटर में उपस्थित विटामिन C शरीर में मेटाबॉलिज्म को तेज करता है जिससे आपको भूख नहीं लगती और कम खाने से वजन कम होता है।

त्वचा के लिए फायदेमंद

टमाटर में पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है, जो त्वचा को नमी प्रदान करके इसको मुलायम बनाता है। टमाटर में लाइकोपीन तथा विटामिन C होने के कारण इसमें एंटी एजिंग गुण होते हैं, जिससे झुर्रिया काम होती है और बढ़ती उम्र का पता नहीं लगता है। टमाटर का एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा के दाग धब्बो को कम करके चेहरे को चमकदार और सुंदर बनाता है।

टमाटर की इन्ही गुणों को देखकर इसका प्रयोग फेस पैक, लिप बाम (Lip Balm), ब्लश, आईलाइनर (Eyeliner), फेस वाश, स्क्रब, फेस पाउडर इत्यादि कॉस्मेटिक पदार्थ बनाए जाते है।

पाचन शक्ति मजबूत बनाने में

टमाटर में विटामिन A, C, K, विटामिन B6 तथा फाइबर्स पाए जाते है जो पाचन शक्ति हो बढ़ाता है और खाने को पचाने में मदद करता है। टमाटर शरीर में अम्लता का प्रबंधन करके डायबिटीज जैसे रोगों को नियंत्रित करने में मदद करता है। टमाटर को खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।

टमाटर से बनने वाले खाद्य पदार्थ | Food that are made by Tomato

टमाटर एक ऐसा फल है जिसके द्वारा अनेको खाद्य पदार्थ बनाए जाते है। टमाटर को सब्जी से तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। टमाटर द्वारा बने व्यंजन स्वादिष्ट और पौष्टिक होते है।

टमाटर से बनने वाले खाद्य पदार्थ
टमाटर से बनने वाले खाद्य पदार्थ

सलाद के रूप में- टमाटर का प्रयोग सलाद के रूप में सब्जियों से साथ किया जाता है। घरों, शादी, पार्टियों में टमाटर को गाजर, मूली, चकुंदर, खीरा के साथ काट कर रखा जाता है। जो खाने के स्वाद को और बढ़ा देता है।

टमाटर का सूप- टमाटर का सूप स्वादिष्ट एवं प्रचलित व्यंजन (Dish) है। टमाटर के सूप कई प्रकार से बनाया जाता है जिससे इसका स्वाद भी कई लाजवाब फ्लेवरो में होता है। इसके सूप को गर्म अवस्था में खाने में अधिक स्वाद आता है। इसका उपयोग सर्दियों में ज्यादातर किया जाता है। टमाटर सूप बनाने की कई रेसिपी इंटरनेट पर मौजूद है। जिनमे से कुछ निम्न है-

टमाटर की सॉस (Tomato sauce)- टमाटर की सॉस का प्रयोग काफी मात्रा में लोगो द्वारा खायी जाती है। टोमैटो सॉस बर्गर, समोसे, सैंडविच, चाउमीन, मैगी, फ्रेंच फ्राइज़, जैसे नाश्ते (Snacks) के साथ खाया जाता है। यह सॉस नमक, विनेगर, नमक, प्याज और अन्य मसालों के उचित अनुपात में मिश्रण से तैयार की जाती है।

टमाटर चिप्स- टमाटर के चिप्स एक बेहतरीन (Ready to use) स्नैक्स है। जो झट पट खाए जा सकते है। टमाटर के चिप्स का निर्माण औद्योगिक रूप से बड़े पैमाने पर किया जाता है। टमाटर का फ्लेवर आलू के चिप्स में भी दिया जाता है, जो आलू के चिप्स को और अधिक स्वादिष्ट बना देता है।

टमाटर के पकोड़े- टमाटर के पकोड़े बेसन, आजवाइन, मिर्च नमक से बना स्वादिष्ट व्यंजन है। टमाटर के पकोड़े को बनाने के लिए टमाटर को बेसन, अजवाइन, हरी मिर्च, नमक और पानी के साथ मिलाकर इसका पेस्ट तैयार किया जाता है। इसके बाद इस पेस्ट में में टमाटर के टुकड़े डूबा करके गरम तेल में तलकर बनाया जाता है।

अन्य पदार्थ- इसके अलावा टमाटर कई प्रकार के व्यंजन, सब्जियां इत्यादि बनायी जाती है। टमाटर का प्रयोग टोमैटो चावल, पिज़्ज़ा, टमाटर चाट, आलू-टमाटर की सब्जी, टमाटर का अचार, टमाटर पनीर की सब्जी आदि अनेको व्यंजन बनाये जाते हैं। कभी-कभी टमाटर का प्रयोग केवल स्वाद (flavor) देने के लिए भी किया जाता है।

Important Queries

टमाटर फल है या सब्जी?

टमाटर के फल या सब्जी होने में गहरा मतभेद है। ज्यादातर जगहों पर टमाटर को फल का दर्जा दिया गया है। टमाटर फूल के द्वारा विकसित होता है और इसके अंदर कई सारे बीज पाए जाते है। इस लिहाज से टमाटर को फल माना गया है।
लेकिन टमाटर को खाने के तरीके से इसको सब्जी की श्रेणी में रखा जा सकता है। टमाटर को सलाद के रूप में हमेशा सब्जी के साथ काट कर रखा जाता है और इसको पका कर बनाया जाता है। इस कारण से टमाटर को सब्जी की श्रेणी में भी रखा जा सकता है।

क्या टमाटर खाने से वजन कम होता है?

हाँ, टमाटर में कम कैलोरी होती है और ज्यादा मात्रा में पानी होता है। 100 ग्राम टमाटर में 18 कैलोरी होती है। जिसके कारण टमाटर खाने पर यह पेट भरे होने का अहसास कराता है। इसमें उपस्थित फाइबर भूख को कम करके वजन को घटाने में मदद करता है।

टमाटर के बीज कितने दिन में अंकुरित होते है?

टमाटर के बीज 4 से 5 दिन में अंकुरित हो जाते है।

टमाटर को कितनी धूप देनी चाहिए?

टमाटर के पौधे को 6 से 8 घंटे की धूप देनी चाहिए। टमाटर के पौधे में खुली धूप में रखने से अच्छी तरह फल उगते है।

टमाटर का पौधा कितने दिन में फल देता है?

टमाटर का पौधा में 50 से 55 दिन बाद फल आने शुरू हो जाते है। जबकि बीज लगाने के 25 से 30 दिन बाद टमाटर का पौधा तैयार हो जाता है।

टमाटर का पौधा कौन से महीने में लगाना चाहिए?

टमाटर को फरवरी तथा मार्च में उगाया जाता है। इसके बाद टमाटर सर्दी आने के पहले भी उगाया जाता है।

टमाटर में क्या होता है?

टमाटर में विटामिन, फोलेट, पोटेशियम, तथा फाइबर जैसे तत्व पाए जाते है। टमाटर में विभिन्न प्रकार के विटामिन A, विटामिन C, विटामिन K, पोटेशियम, फास्फोरस, तांबा, मैग्नीशियम तथा कुछ मात्रा में नियासिन जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते है।

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